Kesari Chapter 2 के पहले भाग का अंत होते ही दर्शकों को तुरंत उस खौफनाक पल में ले जाया जाता है, जिसका नाम है - जलियाँवाला बाग़ नरसंहार।इस शीन को देखते ही दर्शकों के दिल में गम, गुस्सा और दर्द उमड़ जाता है।
सी शंकरण नायर की अंतरात्मा की लड़ाई
फिल्म बिना समय गंवाये सीधे हमें सी शंकरण नायर (अक्षय कुमार) से मिलवाती है जो अपनी आत्मा की आवाज़ और असमंजस से जूझ रहे हैं।जिस दिन जलियांवाला बाग कांड हुआ, उसी दिन नाइटहुड की उपाधि पाने वाले नायर, जब अदालत में एक बदले हुए और दृढ़ इरादों वाले इंसान के तौर पर कदम रखते हैं, तो यह दृश्य सच में रोंगटे खड़े कर देता है।
ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जंग
जब सी. शंकरन नायर (अक्षय कुमार) ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नरसंहार का मामला लड़ते हैं, तो उन्हें महिला वकील दिलप्रीत गिल (अनन्या पांडे) का साथ मिलता है। लेकिन ब्रिटिशों की 'बांटो और राज करो' नीति के तहत, वे नायर के खिलाफ अपना सबसे मजबूत हथियार नेविल मैककिनली (आर. माधवन) को खड़ा कर देते हैं,जो उनका सबसे बड़ा हथियार है। इन दोनों के बीच की यह जंग अगले हिस्से में और भी तेज होगी।
‘तेरी मिट्टी’ और जलियाँवाला बाग़ का असरदार सीन
इस मूवी का सबसे यादगार पल है, जब नायर जलियाँवाला बाग जाते हैं और वहां की त्रासदी को महसूस करते हैं।बैकग्राउंड में बजता गाना ‘तेरी मिट्टी’ इस सीन को और भी भावुक बना देता है।यह शीन पहले हिस्से का सबसे अहम मोड़ भी साबित होता है।
तकनीकी पक्ष भी शानदार
फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और कॉस्ट्यूम भी फिल्म की खूबियों में शामिल हैं। ये सब मिलकर फिल्म को और भी असरदार बनाते हैं।दूसरा भाग असली कोर्टरूम ड्रामा का रास्ता तैयार करेगा।
तो ये था हमारा इंटरवल के बाद का ताज़ा रिव्यू!अब दूसरे हाफ का इंतजार है, जो इस स्टोरी को और भी तीव्र मोड़ देगा।पूरा रिव्यू के लिए जुड़े रहिए, जल्द मिलते हैं फिल्म के पूरे विश्लेषण के साथ, धन्यवाद!
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